Consumer Behaviour theory notes pdf in hindi | 11th class Microeconomics the theory of consumer behaviour| कक्षा 11 व्यष्टि अर्थशास्त्र उपभोक्ता व्यवहार सिद्धांत


  

उपभोक्ता व्यवहार सिद्धांत / उपभोक्ता सिद्धांत 

(The Theory of Consumer Behaviour)


उपभोक्ता व्यवहार सिद्धांत क्या है?
What is theory of consumer Behaviour

● उपभोक्ता कौन होता है? (Who is Consumer)

● उपभोक्ता कौन नहीं है? (Who is NOT a Consumer)

● वस्तु और सेवा में क्या अंतर है? ( What are the Difference Between Goods and Services)

● मध्यवर्ती एवं अंतिम वस्तुओं में क्या अंतर है? (What are the Difference between Intermediary  and Final goods)

उपभोक्ता कौन होता है? (Who is Consumer)

'उपभोक्ता' शब्द की उत्पत्ति (Origin of consumer word)-

उपभोक्ता कौन नहीं है? ( Who is NOT a Consumer?)

वस्तु और सेवा में क्या अंतर है? ( What are the Difference Between Goods and Services)

वस्तु और सेवा में अंतर (Difference Between Goods and Services)

मध्यवर्ती एवं अंतिम वस्तुओं में क्या अंतर है? (What are the Difference between Intermediary and Final goods)

मध्यवर्ती  एवं अंतिम वस्तुओं में अंतर (Difference between Intermediary  and Final goods)

उपभोक्ता व्यवहार को प्रभावित करने वाले व प्रमुख कारक कौन से है?( What are the main factors that influence consumer behaviour?)

उपभोक्ता व्यवहार को प्रभावित करने वाले कारक (Factors that influence consumer behaviour)

मनोवैज्ञानिक(Psychological)-

व्यक्तिगत ( Personal)

सामाजिक (Social)

उपभोक्ता व्यवहार सिद्धांत क्यों महत्वपूर्ण है? (Why Consumer Behaviour Theory is Important?)

उपभोक्ता व्यवहार सिद्धांत का महत्व(Importance of Consumer Behaviour)

उपभोक्ता व्यवहार सिद्धांत क्या है?

What is theory of consumer Behaviour 


  • कोई उपभोक्ता(Consumer) विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं के बीच अपनी पसंद और प्राथमिकताओं का चुनाव कैसे करता है?

  • कोई उपभोक्ता(Consumer) यह निर्णय कैसे लेता है कि वह किस कीमत पर वस्तुओं की कितनी मात्रा के लिए और कितना व्यय करेगा? 

  • उपभोक्ता(Consumer) की विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं के बीच अपनी पसंद, प्राथमिकताओं तथा व्यय सम्बन्धी व्यवहार के अध्ययन से जुड़ा आर्थिक सिद्धांत- उपभोक्ता व्यवहार सिद्धांत या उपभोक्ता सिद्धांत (Theory of Consumer Behaviour / Consumer Theory) कहलाता है

  • अर्थशास्त्र में उपभोक्ता के व्यवहार का उपयोगिता, उपभोक्ता संतुलन, उपभोक्ता बजट जैसी आर्थिक अवधारणाओं के अंतर्गत अध्ययन किया जाता है।


उपभोक्ता व्यवहार (Consumer’s Behaviour ) के अध्ययन के सम्बन्ध में इससे जुडी महत्वपूर्ण अवधारणाओं की समझ जरूरी है, जैसे- 

  • उपभोक्ता कौन होता है? (Who is Consumer)

  • उपभोक्ता कौन नहीं है? (Who is NOT a Consumer)

  • वस्तु और सेवा में क्या अंतर है? ( What are the Difference Between Goods and Services)

  • मध्यवर्ती एवं अंतिम वस्तुओं में क्या अंतर है? (What are the Difference between Intermediary  and Final goods)

उपभोक्ता कौन होता है? (Who is Consumer)

'उपभोक्ता' शब्द की उत्पत्ति (Origin of consumer word)-

'उपभोक्ता'( Consumer) शब्द की उत्पत्ति- लैटिन भाषा के शब्द 'कंज्यूमेर'  (Latin word -Consumere) से लिया गया है जिसका अर्थ है, खाना या पीना या फिर उपभोग करना यानि उपभोक्ता वह है जो किसी वस्तु या सेवा का उपभोग या उपयोग करता है।

  • दुसरे शब्दों में हम कह सकते हैं कि- उपभोक्ता(Consumer) वह व्यक्ति होता है जो अपने निजी उपयोग के लिए अंतिम वस्तु या सेवाओं का उपभोग अथवा क्रय करता है 

उपभोक्ता कौन नहीं है? ( Who is NOT a Consumer?)

एक व्यक्ति उपभोक्ता(Consumer) नहीं है यदि वह-

-कोई वस्तु/सेवा निःशुल्क प्राप्त करता है;

-कोई वस्तु/सेवा व्यावसायिक उद्देश्य के लिए खरीदता है या किराये पर लेता है;

-किसी सेवा के अनुबंध/ समझौते के तहत किसी भी प्रकार की सेवा का लाभ उठाता है

वस्तु और सेवा में क्या अंतर है? ( What are the Difference Between Goods and Services)

वस्तु और सेवा में अंतर (Difference Between Goods and Services)

  • अर्थशास्त्र में, वस्तुएँ(Goods) और सेवाएँ(Services) दोनों एक-दुसरे के साथ जुड़ी हुई अवधारणाएँ हैं, और दोनों ही हमारी आवश्यकताओं और इच्छाओं को पूरा करने के लिए जरूरी हैं। वस्तुओं(Goods) और सेवाओं(Services) के बीच मुख्य अंतर यह है कि- 

    • वस्तुएँ(Goods)- मूर्त/भौतिक(Tangible) होती हैं और, जैसे- मोबाइल,सूटकेस आदि

    • सेवाएँ(Services)- अथवा अदृश्य (Invisible) होती हैं और उनका स्वामित्व हस्तांतरणीय नहीं होता है, जैसे -इन्टरनेट, बैंकिंग आदि, इसलिए कभी-कभी सेवाओं को अदृश्य वस्तुएं (Invisible goods) कहा जाता है।


वस्तुएँ(Goods)

सेवाएँ(Services)

वस्तुएं मूर्त/भौतिक(Tangible) होती हैं, क्योंकि यह दृश्य होती हैं इसलिए इन्हें दृश्य वस्तुएं(Visible goods) भी कहा जाता है 

सेवाएँ अमूर्त (अदृश्य) होती हैं,इसलिए कभी-कभी सेवाओं को अदृश्य वस्तुएं (Invisible goods) कहा जाता है।

इनका स्वामित्व(Ownership) यानि मालिकाना हक हस्तांतरणीय(Transferable) होता है

इनका स्वामित्व(Ownership)गैर-हस्तांतरणीय (Non-Transferable) होता है

दृश्य वस्तुओं के उदाहरण (Example of visible goods) जैसे- मोबाइल,सूटकेस आदि

दृश्य वस्तुओं के उदाहरण (Example of visible goods) जैसे -इन्टरनेट, बैंकिंग आदि


मध्यवर्ती एवं अंतिम वस्तुओं में क्या अंतर है? (What are the Difference between Intermediary and Final goods)

मध्यवर्ती  एवं अंतिम वस्तुओं में अंतर (Difference between Intermediary  and Final goods)

मध्यवर्ती वस्तुएँ (Intermediary goods)-  वे उत्पाद हैं जिनका उपयोग अन्य वस्तुओं के उत्पादन के साथ-साथ सेवाओं के लिए इनपुट के रूप में किया जाता है।

अंतिम वस्तुएँ (Final goods)- मूल रूप से वे उत्पाद हैं जो उपभोग के लिए बिल्कुल तैयार हैं या अंतिम उपयोगकर्ता द्वारा उपयोग किए जा सकते हैं। अंतिम वस्तुओं के उदाहरण- कपड़े, इलेक्ट्रॉनिक्स, फर्नीचर, ऑटोमोबाइल और भोजन।


मध्यवर्ती वस्तुएँ (Intermediary goods)

अंतिम वस्तुएँ (Final goods)

मध्यवर्ती वस्तुएँ (Intermediary goods)-  वे उत्पाद हैं जिनका उपयोग अन्य वस्तुओं के उत्पादन के साथ-साथ सेवाओं के लिए इनपुट के रूप में किया जाता है।

अंतिम वस्तुएँ (Final goods)- मूल रूप से वे उत्पाद हैं जो उपभोग के लिए बिल्कुल तैयार हैं या अंतिम उपयोगकर्ता द्वारा उपयोग किए जा सकते हैं। 

मध्यवर्ती वस्तुओं के उदाहरण(Intermediary of final goods)-हालाँकि किसी वस्तु का मध्यवर्ती होना उसके प्रयोग पर निर्भर करता है, जैसे हम कह सकते है कि चश्मा बनाने में प्रयोग होने वाला शीशा एक मध्यवर्ती वस्तु है।

अंतिम वस्तुओं के उदाहरण(Examples of final goods)- कपड़े, इलेक्ट्रॉनिक्स, फर्नीचर, ऑटोमोबाइल और भोजन।



उपभोक्ता व्यवहार को प्रभावित करने वाले व प्रमुख कारक कौन से है?(What are the main factors that influence consumer behaviour?)

उपभोक्ता व्यवहार को प्रभावित करने वाले कारक (Factors that influence consumer behaviour)

उपभोक्ता का व्यवहार कुछ प्रमुख कारकों से आकार लेता है-

मनोवैज्ञानिक(Psychological)-

मनोवैज्ञानिक कारकों का अर्थ होता है- किसी व्यक्ति का किसी स्थिति  अथवा वस्तु के बारे में दृष्टिकोण, इसमें उस व्यक्ति का व्यक्तित्व और मान्यतायें भी  शामिल होती हैं। उदाहरण के लिए, एक व्यक्ति जो सक्रिय रूप से अपनी प्लास्टिक की खपत को कम कर रहा है, वह किसी ऐसे व्यक्ति से अलग तरीके से खरीदारी करेगा जो जलवायु परिवर्तन में विश्वास नहीं करता है।

व्यक्तिगत ( Personal)

व्यक्तिगत विशेषताओं में उम्र, लिंग, वित्तीय स्थिति, व्यवसाय, पृष्ठभूमि, संस्कृति और स्थान शामिल हैं। उपभोक्ता के रूप में किसी व्यक्ति का व्यक्ति का व्यक्तिगत एक वृद्ध व्यक्ति संभवतः एक युवा व्यक्ति की तुलना में अलग तरीके से खरीदारी करेगा, उदाहरण के लिए ऑनलाइन शॉपिंग के बजाय स्थानीय बाज़ार को प्राथमिकता देना।

सामाजिक (Social)

सामाजिक प्रभावों में किसी व्यक्ति के मित्र, परिवार, समुदाय, स्कूल या वे सभी समूह शामिल हो सकते हैं जिनसे वे जुड़े होते हैं । इसमें व्यक्ति का सामाजिक वर्ग, शिक्षा शामिल मानी जाती है। एक व्यक्ति का जब हम उपभोक्ता के रूप में अध्ययन करते हैं तो उसका सामाजिक पहलू भी महत्वपूर्ण होता है, जैसे एक खरीदार जो ऐसे स्कूल में है जहां प्रशिक्षकों की एक निश्चित शैली फैशन में है, वह अपने साथियों के साथ फिट होने के लिए समान जूते खोज सकता है।


उपभोक्ता व्यवहार सिद्धांत क्यों महत्वपूर्ण है? (Why is Consumer Behaviour Theory Important?)

उपभोक्ता व्यवहार सिद्धांत का महत्व(Importance of Consumer Behaviour) 

उपभोक्ता व्यवहार सिद्धांत अपनी कई भूमिकाओं अथवा आर्थिक पहलुओं के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है | उपभोक्ता व्यवहार किसी व्यवसाय को यह समझने की अनुमति देता है:-

  1. उपभोक्ता आपके ब्रांड बनाम आपके प्रतिस्पर्धियों के बारे में क्या सोचते हैं

  2. वे विभिन्न विकल्पों के बीच कैसे चयन करते हैं

  3. खरीदारी करते समय उनके आस-पास का वातावरण उनके व्यवहार को किस प्रकार प्रभावित करता है

  4. वे किस मार्केटिंग संदेश या मूल्य निर्धारण रणनीतियों पर सबसे अच्छी प्रतिक्रिया देते हैं

  5. भुगतान के उनके पसंदीदा तरीके कौन से होते हैं 

  6. किसी आवश्यकता को पूरा करने के लिए वे कौन से उत्पाद या सेवाएँ खोज रहे हैं